Friday, May 25, 2018

Sri Ram and Sri Mata - श्री रामचरितमानस "श्री"


         

Before we start article Divine Mother has shown another Leela. As Sri Mata is typed in title. This secret flashed in front of eyes.

S R I M A T A =  SITA+RAM
    R   M A        =  RAM
S    I        T A   =  SITA

Isn't it lovely ?

माँ से हमेशा यह जिज्ञासा अंतर्मन में उठती रही है, राम और श्री विद्या में क्या संबंध है। माँ अपने ढंग से उत्तर व समाधान प्रदान करती रहती हैं।



उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में डोल नामक स्थान में पूज्य तपस्वी बाबा कल्याणदास जी द्वारा दुनिया का सबसे भारी श्री यंत्र (15 क्विंटल) स्थापित किया गया है। बाबा जी ने इस उपलक्ष्य में रामकथा के अग्रणी व शिरोमणि कथावाचक संत श्री मोरारी बापू द्वारा रामकथा का सप्त दिवसीय आयोजन रखा। श्री बापू ने कथा का विषय " मानस-श्री " रखा तथा श्री को केंद्र में रखते हुए सवांद किया। कथा विभिन्न प्रवाहों से होती गुजर रही थी, कि एक दिन मोरारी बापू ने आवेश में घोष किया, राम जी ही श्री हैं, श्री ही राम जी हैं, राम , श्री यंत्र व त्रिपुरा सुन्दरी एक ही हैं। यह पंक्ति सुनते ही मेरी आंखें माँ की लीला सोच कर भर आयीं, और समझ में आया कि सात दिनो की कथा में से माँ ने मेरे जाने के लिये पंचम दिन ही क्योँ चुना। सामान्यतः मैं यात्राओं से बचता हूँ, विशेषतः लंबी पर्वतीय यात्राओं से। परन्तु डोल आश्रम के बारे में मैने सोचा था दो-ढाई घंटे का रास्ता होगा, इसलिये जाने का प्रोग्राम बना लिया, परन्तु जब चले तो चार घंटे लग गये। यह confusion भी माँ की लीला ही थी, उसने अपने शिशु को बुलाना जो था।

माँ ललिताम्बा से यही प्रार्थना है, इसी प्रकार अपनी लीलाओं द्वारा अपने शिशु को आनन्द प्रदान करती रहें। हमसे बातें करती रहें, आखिर हमारी माँ  लीलाविनोदिनी जो हैं।


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