मौन हो जाने दो मुझे ताकि कुछ बात तो मैं कर सकूँ,
गहराईयों में कुछ यूँ खो जाने दो कि रास्तें मैं पा सकूँ,
गहराईयों में कुछ यूँ खो जाने दो कि रास्तें मैं पा सकूँ,
झुकने दो इस कदर मुझे कि सिर मैं उठा सकूँ.
मौन हो जाने दो मुझे दो बात करने के लिये,
सब कुछ लुटाने दो मुझे उस दौलत को पाने के लिये,
अस्तित्व मिटाने दो मुझे अपनी हस्ती दिखाने के लिये.
मौन हो जाने दो मुझे दो बात करने के लिये,
कुछ यूँ भूला दूँ खुद को में सब कुछ याद आने के लिये,
कुछ यूँ सुला दूँ अरमानो को इन जमानो को जगाने के लियें,
मौन हो जाने दो मुझे ताकि कुछ बात तो मैं कर सकूँ,
कुछ ऐसा फिजा में बिखेर दूँ में , फिर हम एक हों जाएँ
मिटा कर गिले शिकवे, फिर से हम नेक हो जाएँ.
मौन हो जाने दो मुझे ताकि कुछ बात तो मैं कर सकूँ,
एक राह यूँ सजा दूँ में, कि बेकरार सब हों जायें.
जो आयें खीचें चले , पार सब वो हों जायें,
No comments:
Post a Comment