Thursday, March 2, 2017

|| भाव सरिता - नाम न भूलूँ तेरा माँ ! ||


भूलूँ रिश्ते नाते चाहें भूलूँ दिन राते नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ विद्या, बल, यश भूलूँ सारे षट रस नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ में नाम अपना भूलूँ पहचान नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ सारे कष्ट अपने भूलूँ सारे सपने नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ घर बार मै भूलूँ सँसार मैं नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ अपना पराया मैं कौन गया आया पर नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ में लोक लाज भूलूँ मैं संग समाज पर नाम न भूलूँ तेरा माँ...
भूलूँ मैं साधना भूलूँ मैं आराधना पर नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ मैं बोलना यहाँ वहाँ डोलना नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ मैं जनम मरण अब चरण शरण नाम न भूलूँ तेरा माँ ...
भूलूँ मैं मोक्ष मुक्ति सारे जतन युक्ति तेरा नाम न भूलूँ तेरा माँ...
भूलूँ मैं तर्क वितर्क भूलूँ मैं स्वर्ग नर्क पर नाम न भूलूँ तेरा माँ...
अब एक ही है कामना जो तुझसे है माँगना तेरा नाम न भूलूँ तेरा माँ ...

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